Pagal Nagin - Amaging Friend of Nagraj free download
Format: {link}eComics{/link} |
Issue No: SPCL-2431-H-EC |
Language: Hindi |
Author: Vivek Mohan |
Penciler: Narayan, Jang Bahadur |
Inker: Narayan, Sagar Thapa |
Colorist: Suresh, Sunil |
Pages: 48 |
नाराज विसर्पी के नजदीक जाने के लिए नागराज डाकू कोबराक का छदम वेश धरता है.विसर्पी उसका यह भेद जान जाती है और नागराज को कोबराक के वेश में मन ही मन स्वीकार कर लेती है. दोनों ही एक दूसरे लुका छिपी का खेल खेलने लग जाते हैं. लेकिन यही खेल एक भयानक मोड़ ले लेता है तब जब एक शैतान कोबराक का वेश धर कर पहुंचता है विसर्पी के पास. इस खेल का रोमांच तब अपने चरम पर पहुँचता है जब कोबराक की मौत से पागल हुई नाग मानवी विसर्पी अपने नाग की मौत का बदला लेने के लिए ढूंढने निकलती है उसके हत्यारे नागराज को. अब मौत की तराजू के एक पलड़े में है विसर्पी की जिंदगी और दूसरे पलड़े मैं है नागराज की जिंदगी. इसी मृत्यु जंग पर आधारित है पागल नागिन. |
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